मृतà¥â€à¤¯à¥ और विनाश बिना बà¥à¤²à¤¾à¤ ही आया करते हैं कà¥â€à¤¯à¥‹à¤‚कि ये हमारे मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के रूप में नहीं शतà¥à¤°à¥à¤“ं के रूप में आते हैं।
- à¤à¤—वतीचरण वरà¥à¤®à¤¾